आसन म बघवा काबर सुहाए हो

आसन म बघवा काबर सुहाए हो

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आसन म बघवा काबर सुहाए हो

काबर सुहाए दाई काबर सुहाए हो

कोन रूप बघवा हा आए हो माया मोरे

सिंहासन बड़ मन भाए

अंतर धियान म देखे शिव हा

आगी अस बेरा जनावत हे

बैरी मन के गुण दोष ला

महादेवी ले गोठियावत हे

धरम के रक्षा करे ला परही

कहिके भोला चेतावत हे

ब्रम्हा वर के सेती असुरन

धरमी मन ला केंधरावत हे

नारी हाथ के मरना वर हा 2

तोरेच बाटा हावै  2

आसन म बघवा काबर सुहाए हो

काबर सुहाए दाई काबर सुहाए हो

कोन रूप बघवा हा आए हो माया मोरे

सिंहासन बड़ मन भाए

कईसे कहिथौ तुमन भोला

तुमला कईसे कही नई लागे हो

नारी जात हंव मैं का करिहौ

असुरन ले मोला डर लागे हो

एके झन मैं काए करहूं

बेरा कईसन देखौ आगे हो

जम्मो देव के शक्ति मन हा

भय रूप म प्रकटागे हो

सउहे भोला बघवा बन के

रण म गरजे आए  2

आसन म बघवा काबर सुहाए हो

काबर सुहाए दाई काबर सुहाए हो

कोन रूप बघवा हा आए हो माया मोरे

सिंहासन बड़ मन भाए

असुरन सेना भोला रूप बघवा

चिथौ ले हबके जाए हो

असुरन सेना दाई संग म

छलबल ले माया रचाए हो

आनी बानी के रूप ला धर के

दाई संग झगरा मताए हो

धरे कटारी कांदी अस लुए

लहू के नंदिया देखो बोहाए हो

खेल खेल म महामाई हा  2

सबके परान उड़ाए  2

आसन म बघवा काबर सुहाए हो

काबर सुहाए दाई काबर सुहाए हो

कोन रूप बघवा हा आए हो माया मोरे

सिंहासन बड़ मन भाए

देव गगन ले फूल बरसावै

नेती नेती पद ला गाए हो

गंधर्व किन्नर मनखे मन हा

मंगल जस ला तोर गाए हो

महिसासुर हा बड़ भाग मानी

दाई के संग म देखौ पुजाए हो

बघवा सउहे हावै भोला

सिंहासन के मान ला पाए हो

कांतिकार्तिक मौनी लाला  2

भेद अगम ये बताए  2

आसन म बघवा काबर सुहाए हो

काबर सुहाए दाई काबर सुहाए हो

कोन रूप बघवा हा आए हो माया मोरे

सिंहासन बड़ मन भाए

✍ लेखक: गुरूदेव मौनी लाला जी

🎤 प्रस्तुतकर्ता: KOK Creation

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