धीरे धीरे रेंगव हो दुलहा बाबू हमर नोनी के कुंवर कुंवर पांवे हो

धीरे धीरे रेंगव हो दुलहा बाबू हमर नोनी के कुंवर कुंवर पांवे हो

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धीरे धीरे रेंगव हो दुलहा बाबू

हमर नोनी के कुंवर कुंवर पांवे हो

धीरे धीरे पलन धरो हो कुंवर बाबू

तुंहर रनिया के अंग झन डोले हो

मधुर मधुर पग धरौ हो दुलही नोनी

तुंहर रजवा के अंग झन डोलै हो

मधुर मधुर पग धरौ हो दुलही नोनी

तुंहर रजवा के अंग झन डोलै हो

पहली भांवर पर गे

कोख म पालेंव नव महिना ले राखेंव हो

दुजे भांवर बेटी

गोरस पियाएंव तोला कोरा म खेलाएंव

तीजे चौथे वो नोनी खेले कुदे

अंगना वो लिखे पढ़े अंगना

पंचमी सिखाएंव रांधे गढ़े बर

बेटी छट आगे तोर सजना

सात भांवर परगे अब चल देबे बेटी

सात जनम बर तैं पिया के गांवे हो

धीरे धीरे पल धरो हो कुंवर बाबू

तुंहर रनिया के अंग झन डोले हो

तुंहर रनिया के अंग झन डोले हो

तुंहर रनिया के अंग झन डोले हो

✍ लेखक: उत्तम तिवारी

🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE

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