फागुन आवत हे बही मेला भराही कईथे 2
छोड़ के जातेंन बूता काम ला
गाड़ी बईला म लेजाबे जोड़ी
मोला देखाबे बाबा के धाम ला
चरण कुंड म जा के दूनो नहाई लेतेंन
दूनो नहाई लेतेंन
अमृत कुंड के अमृत पावन बनाई लेतेंन
पावन बनाई लेतेंन
दूनो नहाई लेतेंन दूनो नहाई लेतेंन
पावन बनाई लेतेंन पावन बनाई लेतेंन
गुरू गद्दी म जाके नरियर चढ़़ाके बही 2
दूनो परानी परतेंन पांव ला
गाड़ी बईला म लेजाबे जोड़ी
मोला देखाबे बाबा के धाम ला
तोला ले चलिहौ बही सपरा ल जिलाए उहां
सपरा ल जिलाए उहां
देखे के आस हावै गुरू के जनम जिहां
गुरू के जनम जिहां
सपरा ल जिलाए उहां सपरा ल जिलाए उहां
गुरू के जनम जिहां गुरू के जनम जिहां
अरजी बिनती ल करके बाबा ल मनाई लेबो 2
नई देखे रेहो ओखर गांव ला
गाड़ी बईला म लेजाबे जोड़ी
मोला देखाबे बाबा के धाम ला
छाता पहाड़ म जा के माथ नवाई लेबो
माथ नवाई लेबो
जोक नदी म जा के डुबकी लगाई लेबो
डुबकी लगाई लेबो
माथ नवाई लेबो माथ नवाई लेबो
डुबकी लगाई लेबो डुबकी लगाई लेबो
चोला तर जाही बही गुरू के नाव म 2
मन म सुमरबो सतनाम ला
गाड़ी बईला म लेजाबे जोड़ी
मोला देखाबे बाबा के धाम ला
फागुन आवत हे बही मेला भराही कईथे 2
छोड़ के जातेंन बूता काम ला
गाड़ी बईला म लेजाबे जोड़ी
मोला देखाबे बाबा के धाम ला
✍ लेखक: द्वारिका बर्मन
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
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