जगतारण देवी वो.... तोर महिमा बरनी न जाए

जगतारण देवी वो.... तोर महिमा बरनी न जाए

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जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए

ओ.. नव ठन मैया रूप बनाए

(रूप बनाए रूप बनाए)

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

अहो सिद्ध रूप में तहि रहे फेर

कतको रूप बनाये ओ

यहो क्षर अक्षर तै शक्ति बांध के

दुनिया में चरित देखाए ओ

यहो दसवी ध्यान तै दुर्गा बने अऊ

चौसठ जोगनी कहाए ओ

यहो तोर महिमा अऊ हिठी के

कोनो पार नई पाए ओ

यहो ब्रम्हा विष्णु तक माथ नवाए

(माथ नवाए माथ नवाए )

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

यहो पहिली रूप तोर सैल पुत्री हे

सिव शंकर के पियारी हो

यहो तोला बनाईस भोलेनाथ हा

अमरकथा अधिकारी हो

यहो देवता रिसी के करे सहाई

टारे बिघन ला भारी हो

यहो सब के सब पुरैया हावस

तै अइसन महतारी हो

यहो सगरो चराचर तोर फुलवारी

(तोर फुलवारी तोर फुलवारी)

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

यहो ब्रम्हचारिणी दुसर रूप हे

सब में ज्ञान बगराये हो

यहो तीही हावस वो विंध्यवासिनी

आदि कुवारी कहाए वो

यहो तीसर रूप हवय चंद्रघंटा तोर

भुइया के भार हटाए हो

यहो करे सहाई साधू संत के

धरम धजा फहिराए हो

यहो बेद सास्तर तोर गुन गाये

(तोर गुन गाये तोर गुन गाये )

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

यहो बघवा ऊपर बैठे कुष्मांडा

अमरित कलश भराए ओ

यहो चारो हाथ में संख चक्र के

अड़बड शोभा भाये ओ

यहो पांचव रूप हे स्कन्द माता

सब बर मया बढ़ाये ओ

यहो कार्तिक ला कोरा मा पाए

आसन सिंह में लगाए ओ

यहो जगजननी के पद ला पाए

(पद ला पाए पद ला पाए )

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

यहो छठवा रूप कल्याणी सिंह चढ़

दानव मार गिराए हो

यहो कालरात्रि के रूप सातवा

काटा के मुकुट सजाये हो

यहो गदहा मा चघे परले मचाये

खाव खाव चिल्लाये वो

यहो रूप आठवा हे महागौरी

डमरू त्रिशूल धर आये हो

यहो बैला सवारी सुग्घर भाये

(सुग्घर भाये सुग्घर भाये )

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

यहो नवा रूप हावे सिद्ध दात्री

सबके आस पुराए हो

यहो नवो रूप के पूजा हा सुग्घर

नवरात्री कहाए हो

यहो नवो रूप नव खंड में हावे

नवधा भक्ति गनाये हो

यहो नवे अंग हा ब्रम्ह कहाए

सबला मुक्ति देवाय हो

यहो अजय तीसो दिन माथ नवाए

(माथ नवाए माथ नवाए)

नव दुर्गा तै कहाए

नव दुर्गा तै कहाए

जगतारण देवी वो....

तोर महिमा बरनी न जाए

तोर महिमा बरनी न जाए --

✍ लेखक: अजय

🎤 प्रस्तुतकर्ता: -

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