कातिक महिना धरम कर माया मोर
तुलसी मा दीयना जलाये हो मा
हो मईया तुलसी मा दीयना जलाये हो मा
अघन महिना गमकर माया मोर
पुस मा मारत हे तुसार हो मा
हो मईया पुस मा मारत हे तुसार हो मा
माघ महिना घन अमुवा मउरत हे
फागुन उड़े ला गुलाल हो माँ
हो मईया फागुन उड़े ला गुलाल हो मा
चईत महिना घन केसुहा फूलत हे
बैसाख म कुंजेला नेवार हो मा
हो मईया बैसाख म कुंजेला नेवार हो मा
जेठ महिना लिख पतिया भेजत हे
आतव लागै वो असाड़ हो मा
हो मईया आतव लागै वो असाड़ हो मा
सावन महिना सुहावन मन भावन वो
भादो मा गहिरे गंभीरे हो मा
हो मईया भादो मा गहिरे गंभीरे हो मा
कुंवार महिना दाई नम्मी दसराहा के
लंगुरे हा ध्वाजा लहराये हो मा
हो मईया लंगुरे हा ध्वाजा लहराये हो मा
कातिक महिना धरम कर माया मोर
तुलसी मा दीयना जलाये हो मा
हो मईया तुलसी मा दीयना जलाये हो मा
✍ लेखक: -
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KOK Creation
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