माटी मा रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे

माटी मा रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे

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माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

ऐसे लागे जैसे सउहत, ऐसे लागे जैसे सउहत

माटी मा जीव परगे

माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

माटी के ढेला, माटी चोला,

माटी माटी के संसार हे, माटी माटी के संसार हे

माटी हमर महतारी संगी,

माटी के महिमा अपार हे, माटी के महिमा अपार हे

माटी के दुर्गा माटी के बघवा, माटी के दुर्गा माटी के बघवा,

महिषा सवर गे

माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

इही माटी मा रामचंद्र अऊ

किशन लिसे अवतार गा, किशन लिसे अवतार गा

राधा सीता मीरा बाई,

माटी के पाए दुलार गा, माटी के पाए दुलार गा,

माटी के पुत्री माटी के पुतरा, माटी के पुतरी माटी के पुतरा

माटी मा सबे बस गे

माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

माटी हे सरबस माटी बर अर्पण

माटी के सेवा ला कारबो, माटी के सेवा ला कारबो

माटी के दुर्गा के पूजन करके

दुख पिरा ला हरबो, दुख पिरा ला हरबो

यहो इही माटी मा प्रेम अजय अउ, इही माटी मा प्रेम अजय अउ

कतको गुरु तरगे

माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

ऐसे लागे जैसे सउहत, ऐसे लागे जैसे सउहत

माटी मा जीव परगे

माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

माटी मा रूप धर के, दाई नव दुर्गा आगे

✍ लेखक: दुकालू यादव

🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE

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